Shab e Barat ke din kya hota hai
शब ए बारात, जो के "बारात की रात" के नाम से भी जानी जाती है, एक इस्लामी माहीन शाबान के 14 या 15 तारीख को आती है। ये रात मुसलमानों में बड़ी अहमियत रखती है, और लोग इस दिन इबादत और दुआओं में मसरूफ़ रहते हैं। इस दिन मुसलमान नमाज पढ़ते हैं, कुरान की तिलावत करते हैं, दुआ मांगते हैं, और अपने गुनाहों की माफी और मगफिरत की दुआ करते हैं। बहुत से लोग इस दिन को अपने गुनाहों से तौबा और सुधार के लिए मौका मानते हैं। इस रात को बड़े तवज्जुह और एहतिमाम के साथ गुज़ारते हैं, और अल्लाह की रहमत और मगफिरत की उम्मीद रखते हैं।